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अंकुरित चने खाइए, चमत्कारिक फायदे पाइए

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अंकुरित चने खाइए, चमत्कारिक फायदे पाइए

सुबह खाली पेट मुट्ठी भर अंकुरित चनेखाने से दूर होंगी परेशानियां
सुबह खाली पेट मुट्ठीभर अंकुरित चनेखाने से दूर होंगी परेशानिया-
भीगे हुए काले चने कोलेस्ट्रॉल मे लेकर  को ब्लड शुगर काबू में रखने हो मददगार होता है
1.चना (chickpeas)
चना एक दलहनी फसल है चना को महीन करने पर उसे ‘बेसन’के नाम से जाना जाता है। इसका सांईटिफिक नाम (Cicer arietinum) होता है। जिसको ज्यादातर भारत और मध्य =पूर्वी देशों में उगाया जाता है इसको कई उपयोगों में लाया जाता है इसकी सब्जी खाने बहुत ही स्वादिष्ट होती है।चने में विटामिन, मिनिरल और फायबर की काफी मात्रा होती है. यंह स्वास्थ केलिए काफी लाभदायक है.यह हमारे स्वस्थ के लिए बहुत की लाभदायक साबित होता है।जिसमे वजन को नियंत्रण करनेमे, पाचन तंत्र का स्वास्थ और अन्य घातक बीमारियों से बचनेमे मदत करता है।
2.चना कितने प्रकार के होते हैं?
चना रंग रूप और आकार के अनुसार यह दो श्रेणियों में बांटा गया है।
.देशी या भूरे चने
.कबूली या सफेद चने

3.चना खाने के मुख्य कारण क्या है
.एक चना में आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है।
.मैग्नीशियम और फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है।
.चना कब नहीं खाना चाहिए-
.यदि व्यक्ति को फ्लो और बुखार है तो ऐसे मैं चने का सेवन न करे ।
. शरीर को शक्तिशाली बनाने की वजह शरीर को और भी दुर्बल बना सकता है
4.घर पर भी तैयार कर सकती हैं ये हेल्दी स्नैक्स
.कप में नमक को डालकर अच्छी तरह से गर्म कर लें। जब नमक पूरी तरह से गर्म हो जाए, तो उसमें 1 कटोरी काले चनों को डालकर उसे कुछ देर तक चलाएं।

.शरीर मे आयरन-कैल्शियम से भर देंगे भीगे काले चने, टल जाती (Cancer-Diabetes) बीमारियों जैसी 10का खतरा

.शरीर के आयरन कि कैलोरी और कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जा सकते हैं। सभी ने सुना या पढ़ा होगा कि काले चने खाने से सेहत को जबरदस्त फायदे हो जाता हैं माना जाता है कि काला चना आयरन और अन्य पोषक तत्वों की एक बेजोड़ स्रोत है स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है। काले चने को वैसे  ऐसा माना जाता है।
5.देशी या भूरा चना
देशी या भूरा चना को छोटे हल्के गहरे काले चना भी कहा जाता है।इसमें एक रफ काट बनी होती है, जो ज्यादातर भारत और भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों के साथ-साथ इथियोपिया, मैक्सिको और ईरान के साथ खेती की जाती है।
6.काबुली चना
चने की एक किस्म को काबुली चना या प्रचलित भाषा में छोले भी कहा जाता है। कबूली चने   बादामी हल्के रंग के काले अपेक्षाकृत बड़े होते हैं। यह अफ्गानिस्तान, दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ़्रीका और चिली में पाए जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में अट्ठारहवीं सदी से लाए गए हैं।
7.चने की बुआई का समय
चने की बुआई का समय 1-15 नवम्बर पछेती बुआई वा 25 नवंबर से 7 दिसंबर तक होती है।
‌बीज की मात्रा
मोटे दानों वाला चना 80-100 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर  दानों सामान्य वाला मे  चनाः 70-80 कि.ग्रा. प्रति
‌उर्वरक
उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार परकरना चाहिए।
नत्रजनः 20 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर (100 kg डाई अमोनियम फास्फेट)
फास्फोरसः 50 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर
जिंक सल्फेटः 25 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर
‌खरपतवार नियंत्रणःऔर रोकथाम
चना फ्रलूक्लोरेलिन 200g (सक्रिय तत्व) का बुआई से पहले या पेंडीमेथालीन 350g (सक्रिय तत्व) का अंकुरण से पहले 300-350 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ में छिड़काव करें। पहली गुड़ाई बुआई के 30-40 दिन बाद तथा दूसरी 55-60 दिन बाद आवश्यकतानुसार करें।

‌सिंचाईः
यदि खेत में उचित नमी तो पलेवा करके बुआई करें। बुआई के बाद खेत हो नमी  पर दो सिंचाई, बुआई केदिन 45  एवं 75 दिन बाद करें।
Amount Per
1 tbsp (12.5 g)
1 tbsp (12.5 g)
Calories 46% Daily Value*
Total Fat 0.8 g 1%
Saturated fat 0.1 g 0%
Cholesterol 0 mg 0%
Sodium 3 mg 0%
Potassium 109.4 mg 3%
Total Carbohydrate 8 g 2%
Dietary fiber 2.2 g 8%
Sugar 1.3 g
Protein 2.4 g 4%
Vitamin C 0% Calcium 1%
Iron 4% Vitamin D 0%
Vitamin B6 5% Cobalamin 0%
Magnesium 3%
8.चने के फायदे
चने के की फायदे होते हैं,
‌चने का उपयोग करके शरीर का वजन करने में मदद मिलती होती है।चने में प्रोटीन और फ़ाइबर की मात्रा ज़्यादा अधिक होती है, जो वज़न कम करने में मदद करता है. फ़ाइबर से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और प्रोटीन से मेटाबॉलिज़्म बढ़ाता है.
‌डायबिटीज़ कंट्रोल में मददगार होता है चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और यह प्रोटीन से भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए यह फ़ायदेमंद साबित होता है.

‌हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा साबित होता है चने में मौजूद फ़ाइबर कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए अच्छा होता है. एक शोध के मुताबिक, चने खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा होने का डर कम होता है.
‌पाचन दुरुस्त रहता है: चने में फ़ाइबर की मात्रा ज़्यादा होने की वजह से पाचन दुरुस्त रहता है।
9.चना से कौन सी बीमारियां दूर होती हैं?
चने ए उपयोग करके की सारी बीमारियां दूर होती हैं जैसे
‌चने में मौजूद न्यूट्रिएंट्स स्किन हो  हेल्दी और ग्लोइंग बनाने डिजीज  बचाने में हेल्पफुल में
‌ एनीमिया से बचाव, शरीर में खून की कमी दूर करना, और डायबिटीज़ से बचाव. हालांकि, कुछ लोगों को चना खाने से बचना चाहिए
चने को मूड बूस्टर भी कहा जाता है. इसमें मौजूद फ़ाइटो इस्ट्रोजन सेक्स पावर बढ़ाता है. चने की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे सर्दियों में खाना फ़ायदेमंद होता है.

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