यकृत (LIVER)
यकृत को अंग्रेज़ी में ‘Liver’ कहते हैं. हिन्दी में इसे यकृत और उर्दू में जिगर कहते हैं.जो केवल कशेरुकी प्राणियों में पाया जाता है। इसका कार्य विभिन्न चयापचयों को detoxify करना, प्रोटीन को संश्लेषित करना, और पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाना है।
1.लीवर की रचना और कार्य=
लिवर, शरीर का सबसे बड़ा ठोस शंकु के आकार का, गहरे लाल-
मदद करने वाले पदार्थों का उत्पादन करता है.
3. लिवर विटामिन और खनिजों का भंडारण करता है: लिवर, वसा में घुलनशील विटामिनों का भंडारण करता है.
. liver के हिंदी अर्थ
लीवर
जिगर
कलेजा
2.लिवर खराब होने के लक्षण यकृत (LIVER)
.इसके मुख्य लक्षण हैं,
.पीली त्वचा
3.लीवर खराब होने शुरवाती लक्षण
भूख न लगना, थकान, पीलिया, एडिमा, इत्यादि है। लिवर फेलियर के कारण में वायरल हेपेटाइटिस, अल्कॉहल, फैटी लिवर, ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, इत्यादि है।
4 लिवर कितने प्रकार के होते हैं? यकृत (LIVER)
हमारे लिवर को (3) भागो में वर्गीकृत है
.माप एवं भार
इसकी दक्षिण-बाम लंबाई 17.5 सेंमी0,
.पृष्ठ भाग (Surface)
यह डायाफ्रॉम से संबद्ध रहता है,दक्षिण पृष्ठ उत्तल और चौकोर होता है। और छह निचली पर्शुकाओं जो इसे दक्षिण फुप्फुसावरण अलग करता है।
.उर्ध्व पृष्ठ (Superior surface)
यह डायाफ्रॉम द्वारा दोनों फुफ्फस, फुप्फुसावरण तथा ह्रदयावरण से अलग हो जाता है।यह दोनों ओर उत्तल तथा मध्य में अवतल होता है।
5 रक्तवाहिनियाँ एवं नाड़ियाँ
1. लिवर धमनी उदरगुहा धमनी की शाखा होती है।
निर्वाहिका शिरा- पाचन तंत्र से पाचित अन्नरसयुक्त रक्त पहुंचाती है।
यकृत शिराएँ रक्त को अध: महाशिराएँ पहुंचाती है।
यकत का कार्य- 1. ग्लूकोज से बनाती हैं।ग्लाइकोजन (शरीर क लिये इन्धन) को संग्रहित करना। आवश्यकता होने पर, ग्लाइकोजन ग्लूकोस में परिवर्तित होकर रक्तधारा में प्रवाहित हो जाता है।
2. पचे हुए भोजन से वसाओं और प्रोटीनों को संसिधत करने में मदद करना। 3. रक्त का थक्का बनाने के लिये आवशक प्रोटीन को बनाना। 4. विषहरण (डीटॉक्सीफिकेशन)
5. भ्रुणिय अवस्था में यह रक्त (खून) बनाने का काम भी करता है। 6. रक्त से bilirubin को अलग करता है. 8. गैलेक्टोज को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है.
9. कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को वसा में परिवर्तित करता है . 10. antibody और antigen का निर्माण करता है.
11. यकृत अमोनिया (Nh3) को यूरिया(NH2coNH2) में परिवर्तित करता है। 12. यकृत विटामिन ए को भी संग्रहित करता है।
6 चिकित्सा यकृत (LIVER)
यकृत – चिकित्सा के लिए अन्य सभी चिकित्सा पद्धतियों की अपेक्षा आयुर्वेद श्रेष्ठ पद्धति हैयकृत (LIVER) आयुर्वेद में इसके सचोट इलाज हैं । यकृत – सम्बन्धी किसी भी रोग की निष्णात वैद् से आवश्य करानी चाहिए।