1.आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे कार्य नीति शास्त्र में बताए हैं। जो सुबह उठकर बर्म्हा मुहूर्त में करना चाहिए
सुबह उठकर मां का चेहरा देखने से दिन अच्छा माना जाता है.
- सुबह उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए.
सुबह उठकर रोजाना कसरत करने से सेहत अच्छी रहती है. - सुबह जल्दी उठने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
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सुबह उठकर योग करने का सबसे अच्छा समय सवेरे 4 से 7 बजे का होता है.
सुबह उठकर पढ़ाई करने मेमन अच्छा लगता है और याद अच्छा रहता है.
सुबह उठकर हेल्दी नाश्ता करना चाहिए.ताकि स्वस्थ अच्छा रहे - सुबह उठकर हल्का गरम पानी, अंडे, ओटमील, पोहा, भिगोए हुए चने किशमिश और मूंग दाल, अंजीर, दालचीनी, मूंग- दाल जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत ही लाभदायक माना जाता है।
2.सुबह उठने का सबसे अच्छा समय सुबह उठकर रोजाना करें । यें जरूरी काम,जीवन भर रहेंगे खुशहाल
- वो सभी झपकी लेने वालों को बुलाना। जो इस बात पर ज्यादा जोर देते हैं कि जागने का कोई मानक “सर्वोत्तम समय” नहीं है, क्योंकि जल्दी जागना एक सामाजिक निर्माण माना जाता है, जिसका आविष्कार गैर-रचनात्मक शक्तियों द्वारा किया गया है।
आपको हमारी बात पर यकीन करने की ज़रूरत बिलकुल नहीं है तो – चिकित्सा विशेषज्ञ इस के अनुसार हैं कि सुबह देर से उठने से हृदय संबंधी बीमारियों का
3.सुबह उठने का सबसे स्वस्थ समय क्या है?
SRV hospital के कंसल्टेंट डॉ. प्रतीक गोपानी का मानना है कि आप अपनी बॉडी क्लॉक, जीवनशैली और स्वास्थ्य के आधार पर सवेरे उठने का सबसे अच्छा समय निर्धारित कर सकते हैं।
4.आपको हर रात कितने घंटे की नींद की ज़रूरत होती है
सुबह उठकर रोजाना करें । यें जरूरी काम,जीवन भर रहेंगे खुशहाल
- हर रात 8 घंटे की नींद लेना जादुई संख्या के रूप में अच्छा माना जाता है, लेकिन आपको अपनी उम्र और जीवनशैली को भी ध्यान में रखना चाहिए। नींद अच्छी तरह से आराम महसूस होना चाहिए।
H,N Rilayance foundation hospital के कंसल्टेंट डॉ. पूजन पारीख के अनुसार, आपको कितनी नींद की ज़रूरत होती है, इसका पता लगाने का एक सबसे आसान तरीका यह है कि सुबह उठने के समय से पीछे की ओर काम अवश्य करें। वे कहते हैं
“वैज्ञानिक रूप से, यह देखा गया है कि रात 10 बजे से आधी रात के बीच का समय सोने के लिए सबसे अच्छा समय है, बिना आठ घंटे की नींद से समझौता किए, जो मानव शरीर को इष्टतम संज्ञानात्मक प्रदर्शन के लिए आवश्यक है।”
5.देर से उठने से शरीर पर क्या असर पड़ता है?
ज्यादा देर से जागना या अनियमित नींद का शेड्यूल बनाए रखना समग्र हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
डॉ. गोपानी बताते हैं, “यह मुख्य रूप से सर्कैडियन लय के व्यवधान के कारण होता है।
“देर से जागने से संज्ञानात्मक कार्य में कमी आती है और मूड में गड़बड़ी हो सकती है। यह बदले में, मेलाटोनिन और कोर्टिसोल के उत्पादन को प्रभावित होता है, जिससे चयापचय, तनाव प्रतिक्रिया और प्रतिरक्षा कार्य प्रभावित होता है।
6.खाद्य पदार्थ जो आपकी सुबह की दिनचर्या में शामिल होने के योग्य हैं और जो नहीं सुबह उठकर रोजाना करें । यें जरूरी काम,जीवन भर रहेंगे खुशहाल
अपने मेटाबोलिज्म को तेज करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देना ज़रूरी बताया है। डॉ. गोपानी सलाह देते हैं।
7.कोई व्यक्ति अपने लिए आदर्श सुबह की दिनचर्या कैसे बना सकता है? सुबह उठकर रोजाना करें । यें जरूरी काम,जीवन भर रहेंगे खुशहाल
डॉ. गोपानी के अनुसार, एक प्रभावी सुबह की दिनचर्या तैयार करने के लिए आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, उद्देश्यों और जीवनशैली को ध्यान में रखना आवश्यक माना है।
अपने दिन की शुरुआत एक गिलास पानी से अवश्य करें ताकि आप पुनः हाइड्रेट हो सकें और फिर आवश्यक पोषक तत्वों और ऊर्जा के लिए पौष्टिक नाश्ता जरूर करें
अपने सुबह के शेड्यूल में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें। आप योग या त्वरित HIIT कसरत जैसी गतिविधियों का विकल्प चुनें
मानसिक स्पष्टता बढ़ाने और तनाव कम करने के लिए गहरी साँस लेने या ध्यान लगाने के लिए समय जरूर निकालें
तनाव कम करने के लिए सुबह-सुबह स्क्रीन, विशेषकर सोशल मीडिया के संपर्क में बहुत ही कम आएं।